संपादक-शम्भु चौधरी

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लोकगीत ऐ प्रांण, आपणी संस्क्रति रा आपरी संस्कृति अर परम्परा रै पांण राजस्थान री न्यारी पिछाण। रणबंका वीरां री आ मरुधरा तीज-तिवारां में ई आगीवांण। आं तीज-तिवारां नै सरस बणावै अठै रा प्यारा-प्यारा लोकगीत। जीवण रो कोई मौको इस्यो नीं जद गीत नीं गाया जावै। जलम सूं पैली गीत, आखै जीवण गीत अर जीवण पछै फेर गीत। ऐ गीत इत्ता प्यारा, इत्ता सरस कै गावणिया अर सुणणियां रो मन हिलोरा लेवण लागै।

आपणी भाषा आपणी बात एक दिल से जुड़े मुद्दे के रूप में उदयपुर में `मायड़ भाषा´ स्तंभ से शुरू किया और राजस्थान की भाषा संस्कृति की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने को आतुर लोगों ने मान लिया कि संवैधानिक दर्जा दिलाना अब भास्कर का मुद्दा हो गया है। - कीर्ति राणा, संपादक - दैनिक भास्कर ( श्रीगंगानगर संस्करण)

श्री अरूण डागा का परिचय इन दिनों संगीत की दुनिया में प्राइवेट एलबम की धूम मची हुई है। इसके लिये किसी भी गायक को अपनी पूरी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। आज यहाँ हम कोलकाता के श्री अरूण डागा का परिचय आप सभी से करवातें हैं मूझे याद है जब श्री अरूण जी, गोपाल कलवानी के अनुरोध पर कोलकाता के 'कला मंदिर सभागार' में मारवाड़ी युवा मंच के एक कार्यक्रम- "गीत-संगीत प्रतियोगिता" में जैसे ही गाना शुरू किये सारा हॉल झूमने लगा था। once more... once more...

यह क्षेत्र इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथ मुम्बई पर हुए आतंकवादी आक्रमण से एक सन्देश स्पष्ट है कि अब यदि समस्या को नही समझा गया और इसके जेहादी और इस्लामी पक्ष की अवहेलना की गयी तो शायद भारत को एक लोकतांत्रिक और खुले विचारों ......

झारखंड प्रान्त: स्थापना दिवस की तैयारी शुरू जमशेदपुर। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस पल को यादगार बनाने के लिए मंच के सदस्य तैयारियों में जुट गये हैं। .......

सेटन हॉल यूनिवर्सिटी में गीता पढ़ना अनिवार्य अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है।इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है।......

डॉ.श्यामसुन्दर हरलालका निर्विरोध नये अध्यक्ष पूर्वोत्तर मारवाड़ी सम्मेलन की प्रादेशिक कार्यकारिणी बैठक एवं प्रादेशिक सभा की बैठक नगाँव में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। बैठक को सफल बनाने में उपस्थित सभासदों का योगदान सराहनीय रहा। सभा में आगामी सत्र वर्ष 2009 एवं 2010 हेतु गौहाटी के डॉ.श्यामसुन्दर हरलालका को निर्विरोध नये अध्यक्ष के रूप में चुने गये।.......

उत्कल प्रान्तीय मारवाड़ी युवा मंच उत्कल प्रान्तीय मारवाड़ी युवा मंच की सप्तम प्रान्तीय कार्यकारिणी समिति की चतुर्थ बैठक एवं 19वीं प्रान्तीय सभा ‘प्रगति-2008’’ भारी सफलता के साथ सह राउरकेला शाखा के अतिथ्य में सम्पन्न हुई। ......

परिचय: श्री श्यामानन्द जालान 13 जनवरी 1934 को जन्मे श्री जालान का लालन पालन एवं शिक्षा-दीक्षा मुख्यतः कलकत्ता एवं मुजफ्फरपुर में ही हुई हैं। बचपन से राजनैतिक वातावरण में पले श्री जालान के पिता स्वर्गीय श्री ईश्वरदास जी जालान पश्चिम बंगाल विधान सभा के प्रथम अध्यक्ष थे।

दक्षिण दिल्ली शाखा के सौजन्य में 18 जनवरी 2009 को ’’ट्रेजर हण्ट कार रैली’’अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच द्वारा चलाये जा रहे देशव्यापी कन्या भ्रूण संरक्षण अभियान के अन्तर्गत देशभर में मंच की शाखाओं द्वारा विविध प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जागृति अभियान चलाया जा रहा है।

Rajiv Ranjan Prasadसाहित्य शिल्पी ने अंतरजाल पर अपनी सशक्त दस्तक दी है। यह भी सत्य है कि कंप्यूटर के की-बोर्ड की पहुँच भले ही विश्वव्यापी हो, या कि देश के पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण में हो गयी हो किंतु बहुत से अनदेखे कोने हैं, जहाँ इस माध्यम का आलोक नहीं पहुँचता। यह आवश्यकता महसूस की गयी कि साहित्य शिल्पी को सभागारों, सडकों और गलियों तक भी पहुचना होगा। प्रेरणा उत्सव इस दिशा में पहला किंतु सशक्त कदम था।

हिन्दुस्तानी एकेडेमी का साहित्यकार सम्मान समारोह: Dr.Kavita Vachaknavee

इलाहाबाद, 6 फ़रवरी 2009 । "साहित्य से दिन-ब-दिन लोग विमुख होते जा रहे हैं। अध्यापक व छात्र, दोनों में लेखनी से लगाव कम हो रहा है। नए नए शोधकार्यों के लिए सहित्य जगत् में व्याप्त यह स्थिति अत्यन्त चिन्ताजनक है।"">

मंच एक कार्यशाला है

मारवाड़ी युवा मंच एक कार्यशाला है जहाँ समाज के नवयुवकों को न सिर्फ सामाजिक भावनाओं के साथ जोड़ा जाता है साथ ही उनके व्यक्तित्व को उभारने हेतु एक मंच भी दिया जाता है। मंच को एक शिक्षण संस्थान की तरह कार्य करने की जरूरत है न कि एक राजनीति मंच की तरह, इसके अनुभवी युवा वर्ग को मात्र एक शिक्षक की भूमिका अपनाने की जरूरत है। जबकि इसके विपरीत अनुभवी युवागण अधिकतर मंच की राजनीति में संलग्न पाये जातें हैं।

March 29, 2009

श्री कमल नोपानी बने नये अध्यक्ष


बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन का दो दिवसीय 26वां प्रादेशिक अधिवेशन

‘जागृति-2009’ 21-22 मार्च को
श्री कृष्ण स्मारक भवन, पटना में सम्पन्न
बिहार का दो दिवसीय अधिवेशन सम्पन्न
श्री कमल नोपानी बने नये अध्यक्ष
पारिवारिक मूल्यों में आ रही गिरावट रोकना ज़रूरी: रुँगटा



बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन का दो दिवसीय 26वां प्रादेशिक अधिवेशन ‘जागृति-2009’ 21-22 मार्च को महाराणा प्रताप भवन एवं श्री कृष्ण स्मारक भवन, पटना में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की पटना शाखा द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय अधिवेशन के प्रथम दिन प्रादेशिक सभा, महिला सत्र, युवा सत्र एवं विषय निर्वाचिनी की बैठक हुई। बैठकों व सत्रों में दहेज, दिखावा व प्रदर्शन, भ्रूण हत्या आदि विषयों पर गहन चिंतन हुआ और इन सामाजिक बुराइयों को रोकने हेतु प्रयास करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन अ.भा.अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय
अध्यक्ष श्री प्रदीप मित्तल ने झण्डोत्तोलन किया। गुरुकुल के बच्चों द्वारा शंख ध्वनि तथा वैदिक मंत्रों के साथ समारोह की शुरूआत हुई। श्रीमती सुनीता जोश ने गणेश वन्दना, श्रीमती दयारानी अग्रवाल तथा पूनम मोर ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। मंचस्थ अतिथियों को माल्यार्पण व पगड़ी पहनाने के बाद स्वागताध्यक्ष श्री दशरथ कुमार गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य रखा। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नन्दलाल रुँगटा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
प्रान्तीय मंत्री श्री विनोद तोदी ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि सम्मेलन एक महान संस्था है। अगर समर्पित लोग आगे जाकर निष्ठा के साथ कार्य करें तभी हमें लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है। हमारी नीतियों तथा कार्यक्रमों को समाज के लोगों तक पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर के लोगों को सम्मेलन से जोड़ा जाय। पटना नगर शाखा के अध्यक्ष श्री निर्मल झुनझुनवाला ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। बिहार प्रदेश के अध्यक्ष श्री नथमल टिबड़ेवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि सम्मेलन के कार्यक्षेत्र को और व्यापक बनाने हेतु चिंतन की आवश्यकता है।
Kamal Nopaniइसके पश्चात् बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री कमल नोपानी को निवर्तमान अध्यक्ष श्री नथमल टिबडे़वाल ने भारी करतल ध्वनि के बीच माल्यार्पण, दुपट्टा एवं पगड़ी पहनाकर कार्यभार सौंपा।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री कमल नोपानी ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि हममें राजनैतिक इच्छा शक्ति का अभाव है। सत्ता में हमारी भागीदारी नहीं है। हमें राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। हम सभी को अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाना चाहिए। बिहार में 156 शाखाएं हैं उनको शक्तिशाली बनाना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बिहार बदल रहा है और समाज भी बदलेगा। श्री नोपानी ने नई कार्यकारिणी के नामों की भी घोषणा की जिसमें श्री राजेश सिकरिया को महामंत्री मनोनीत किया।
Sri Nandlal Rungat and Sri kamal Nopani
विशिष्ट अतिथि बिहार के पूर्व वित्तमंत्री श्री शंकर प्रसाद टेकड़ीवाल ने कहा कि मारवाड़ी समाज ही देश को दिशा दे सकता है। श्री रामपाल अग्रवाल नूतन ने कहा-हम काफी सेवा कार्य करते हैं, सबके साथ घुल मिल जाते हैं। बावजूद इसके हमारी पहचान सकारात्मक नहीं हुई है।
मारवाड़ी युवा मंच की प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती सरिता बजाज ने कहा कि मारवाड़ी युवा मंच के पदाधिकारी भी स्वयं को कार्यकर्ता समझते हैं। इस मौके पर श्री गणेश खेतड़ीवाल के प्रधान सम्पादकत्व में प्रकाशित ‘कुछ अपनी कुछ पराई’ नामक स्मारिका का विमोचन श्री रुँगटा ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रदीप मित्तल ने अपने जोशपूर्ण वक्तव्य में कहा कि मारवाड़ी समाज देश की प्रत्येक राष्ट्रीय विपत्ति में सबसे पहले आगे आता है। लेकिन अब सिर्फ सेवा से हमारा गुजारा संभव नहीं है। हमारा वर्चस्व सत्ता में होना जरूरी है। संगठन को मजबूत करना होगा। ‘लंच-मंच हमारा और राज तुम्हारा’ अब नहीं चलेगा। हमें राजनीति में आने वाले प्रत्येक मारवाड़ी का तन-मन-धन से सहयोग करना चाहिए।
अंत में सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उद्घाटनकर्ता श्री नन्दलाल रुँगटा ने अपने सधे हुए वक्तव्य में संगठन शक्ति, शिक्षा, चिकित्सा, समाज सुधार, समाज सेवा, भ्रूण हत्या आदि विषयों पर प्रकाश डाला एवं राजनैतिक चेतना पर कहा कि हमें लोगों को मतदान करने हेतु प्रेरित करना होगा। संगठन को मजबूत करने के लिए प्रत्येक मारवाड़ी परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को सक्रिय रूप में सम्मेलन से जुड़ना होगा। सम्मेलन जैसी सामाजिक संस्थाओं को दान पर निर्भर न रहकर आत्मनिर्भर बनना होगा। आज हमारे पारिवारिक मूल्यों एवं संबंधों में निरंतर गिरावट आ रही है, इसे रोकने हेतु प्रयास करना होगा। इसके अलावा राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने हेतु मारवाड़ी में बात करने पर उन्होंने जोर दिया। श्री रुँगटा ने कहा कि इस दिशा में पहल करते हुए हम साधारण बोलचाल की भाषा की एक शब्दावली पुस्तक निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर प्रादेशिक सम्मेलन द्वारा विशिष्ट शाखाओं के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं अतिथियों को मोमेंट एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। मंच पर अ.भा.मारवाड़ी सम्मेलन के उपाध्यक्ष श्री बद्रीप्रसाद भीमसरिया, राष्ट्रीय महामंत्री श्री रामअवतार पोद्दार, संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री श्री ओमप्रकाश पोद्दार व श्री संजय हरलालका, श्री कैलाश प्रसाद झुनझुनवाला, श्री नारायण प्रसाद अग्रवाल, बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला, गोवर्धन नोपानी, डाॅ. आर.के.मोदी, विश्वनाथ झुनझुनवाला, आर.के.मोदी, मोतीलाल खेतान, विमल जैन, पुष्करलाल अग्रवाल, श्री रमेश केजरीवाल, श्री जगदीश प्रसाद मोहनका, श्री बादल चंद अग्रवाल, श्री विजय कुमार किशोरपुरिया, श्री अशोक तुलस्यान, श्री ओम प्रकाश खेमका आदि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री महेश जालान ने किया। धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस सत्र का समापन हुआ। भोजन के पश्चात् प्रतिनिधि सत्र शुरू हुआ जिसमें बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के नये
पदाधिकारियों ने स्थान ग्रहण किया। सत्र में विषय निर्वाचिनी द्वारा स्वीकृत कई प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई एवं कई प्रस्ताव पारित किये गये। सायं रंगारंग राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

March 20, 2009

MYM Ilkal

MYM Ilkal selected its new body members for year 2009-2010. ASHOK K KATHARIYA has been selected unanimously as new PRESIDENT with the support of all the members of the branch. The board of members is as follows:
Ashok Kathariya : President.
Jagdish Lahoti : Secretery.
Srikant Karwa : Treasurer.
Brijmohan Malani : Vice-President.
Govind Karwa : Vice-president.

March 4, 2009

गाकर जी लेता हूँ: पण्डित जसराज

Pandit Jasraj, Pramod Shah and  Dr. Krishn Bihari Mishra
संगीत मार्तण्ड पद्मविभूषण पंडित जसराज प्रमोद शाह द्वारा तीन खंडों में परिकल्पित, संकलित एवं संपादित पुस्तक ‘थॉट्स ऑन रिलीजियस पॉलिटिक्स इन इंडिया’ (1857-2008) का लोकार्पण करते हुए। साथ में हैं डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र, प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश, श्री हरि कृष्ण चौधरी और एकदम बायें प्रमोद शाह।

कोलकाता: भारत को साहित्य व संगीत को साथ लेकर चलने की जरुरत है, इसी से मनुष्यता और सद्भाव बचेगा। मुझे कुछ लिखना-पढ़ना नहीं आता। जो कुछ है, उसे गाकर जी लेता हूँ। ये बातें संगीत मार्तण्ड पद्मविभूषण पंडित जसराज ने प्रमोद शाह द्वारा तीन खंडों में परिकल्पित, संकलित एवं संपादित पुस्तक ‘थॉट्स ऑन रिलीजियस पॉलिटिक्स इन इंडिया’ (1857-2008) का लोकार्पण करते हुए कही। समारोह की अध्यक्षता डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने भी अपने विचार रखे।
Religious Politics In Indiaभारतीय भाषा परिषद में आयोजित लोकार्पण समारोह में पंडित जसराज ने कहा, ‘मैं एक समारोह में गा रहा था तो पीछे से किसी ने फरमाया, अल्लाह हो मेहरबान। इसे सुन कर मैं क्षण भर के लिए खो गया इसके बारे में जब मैंने अपनी बेटी को फोन किया, तो उसने बताया कि भगवान ने आपको एक विशेष काम के लिए धरती पर भेजा है। अपना विचार प्रस्तुत करने के बाद पंडित जसराज ने ‘चिदानन्द शिवोह्म, अल्लाह हो मेहरबान’ और शिवशंकर महादेव गाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। हर-हर महादेव कहते हुए उन्होंने प्रमोद शाह को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा, मेरे मुंह से अभी हर-हर महादेव का स्वर निकला है। इसलिए आपकी यह किताब दुनिया को बहुत पसंद आयेगी।’ मौके पर प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने कहा कि सांप्रदायिकता धार्मिक नहीं राजनीतिक प्रतिक्रिया है। इतिहास के गड़े मुर्दे को उखाड़ने से देश शक्तिशाली नहीं होगा। जो भारत को गढ़ना और बनाना चाहते हैं, उन्हें भाषा, धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठ कर सद्भाव बनाने की पहल करनी चाहिए। समारोह की अध्यक्षता मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि साहित्य, संगीत व अध्यात्म का स्वर राजनीति छोड़ दे, तो वह लंगड़ी हो जायेगी। रामकृष्ण परमहंस व महात्मा गांधी से बड़ा धर्मनिरपेक्ष कौन हो सकता है? गांधी और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे लोगों ने समझाया कि सभी मनुष्य एक हैं। गांधी जी ने सचेत करते हुए कहा था कि आज हमारा देश अधार्मिक हो रहा है। लोकार्पित पुस्तक के बारे में डॉ. मिश्र ने कहा कि यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए प्रेरक और हमारी पीढ़ी के लिए गौरव की बात है। समारोह में पंडित जसराज की उपस्थिति ने समारोह में प्राण प्रतिष्ठा कर दी है। प्रमोद शाह ने पुस्तक को संपादित करने में जो अनुभव और संघर्ष झेला, उसे सुनाया और कहा कि धर्म अलग है। धर्म के नाम पर राजनीति अलग है। धर्म को संस्कृति में रखने पर देश सुधरता है और राजनीति में रखने पर विकृत होता है। धार्मिक मतभेदों को भुला कर हमें देश को खुशहाल करने की कोशिश करनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन नंदलाल शाह व स्वागत भाषण संयोजक महेश चन्द्र शाह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ.शशि शेखर शाह ने किया। सोसायटी फाॅर नेशनल अवेयरनेस के अध्यक्ष व प्रकाशक हरि कृष्ण चौधरी ने कहा कि आनेवाली पीढ़ी के लिए यह पुस्तक प्रेरणादायक साबित होगी। कार्यक्रम के शुरुआत में श्रीमती अनुराधा खेतान ने तीनों पुस्तकों का ऑडिओ-वीडियो चित्रण दिया।